मैनपुरी, जनपद में तैनात स्वॉट/साइबर सेल प्रभारी विक्रम सिंह व उनकी टीम को वर्ष 2007 में अयोध्या में हुए एक एनकाउंटर के मामले में अदालत ने दोषमुक्त करार दिया है। मुठभेड़ में कलुआ गैंग का शातिर अपराधी सुग्रीव मारा गया था। मृतक के परिजन ने प्रभारी व टीम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला सीजेएम (अयोध्या) की कोर्ट में चल रहा था।छह दिसंबर 2007 को अयोध्या में हलकापुरवा के पास एसओजी प्रभारी विक्रम व उनकी टीम की कलुआ गिरोह के सुग्रीव सिंह निवासी अलादादपुर से मुठभेड़ हो गई थी। एनकाउंटर में सुग्रीव की गोली लगने से मौत हो गई थी। मृतक के पिता राम निवास ने सात जून 2008 को एसओजी प्रभारी विक्रम सिंह उनकी टीम के सिपाही संजय द्विवेदी, जगदंबा, मनीष, अनिल कुमार, विजय प्रकाश व नियाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।मामला करीब 14 साल तक सीजेएम की कोर्ट में चला। जांच कर रही पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाए जाने की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। जज देवदत्त शुक्ला ने सुग्रीव के परिजन की प्रोटेस्ट पिटीशन खारिज कर पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया। दोषमुक्त किए गए सभी पुलिसकर्मी वर्तमान में अलग-अलग जिलों के थानों में तैनात हैं। स्वाट टीम प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि सुग्रीव कलुआ गिरोह का सक्रिय सदस्य था। उस पर हत्या सहित कई अन्य आपराधिक मामले दर्ज थे।