नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक मीडिया कार्यक्रम में शिरकत की। उपराज्यपाल सिन्हा ने 1957 के पहले चुनाव का जिक्र कर कहा कि तब 75 सीटें थीं। 20 एमएलए निर्विरोध चुने गए। जम्मू-कश्मीर की अवाम, खासकर घाटी के लोगों ने भी भारत के लोकतंत्र में आस्था व्यक्त की। उन्होंने कहा कि साजिश से बाहर निकलकर घाटी की अवाम को भी समझ आ गया है कि हमारा भविष्य भारत के लोकतंत्र में है।
उन्होंने उपराज्यपाल की पावर बढ़ने के सवाल पर कहा कि उस पर सवाल उठाना उचित नहीं है। जहां भी संघ राज्य क्षेत्र या केंद्र शासित प्रदेश हैं, वहां इस तरह की शक्तियां उपराज्यपाल के पास हैं। जो भी सरकार आएगी, उस चुनी हुई सरकार को मेरा पूरा समर्थन होगा। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि विधानसभा चुनाव भी पूरी तरह से फ्री और निष्पक्ष होगा। आज रात के 11 बजे भी लोग बाहर जाकर खाना खा रहे हैं, 12 बजे रात तक प्रचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि ये जो बदलाव हुआ है, इस बदलाव को देखने की जरूरत है।
सिन्हा ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत लागू होने के बाद फंड ट्रांसफर कर दिए थे। राजनीतिक दलों का काम है, कुछ कुछ कहते रहते हैं। अनुच्छेद 370 बहाल करने के वादों पर उन्होंने कहा कि जो लोग संवैधानिक पदों पर रहे हैं या शपथ ले चुके हैं, उन्हें ये समझना चाहिए कि ये अब भारत के संविधान का हिस्सा नहीं है। उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि ऐसी बातों से बचने की सलाह दूंगा।
राहुल गांधी के राजा बताने के सवाल पर सिन्हा ने कहा कि जनता की राय ले लें, उनके दिमाग के दरवाजे खुल जाएंगे, सीक्रेट बैलट करा लें। 75 फीसदी से अधिक जनता ने ये नहीं कहा कि पिछले पांच साल में जनता की भलाई के लिए काम हुआ है तब मैं यहां से चला जाऊंगा। उन्होंने कहा कि न्यायालयों पर जो लोग सवाल उठा रहे हैं, ये ठीक नहीं है।