भोपाल । प्रदेश के इंदौर शहर में रहने वाले राष्‍ट्रसंत भय्यू महाराज की आत्‍महत्‍या के मामले में खुलासा हुआ है कि महाराज की सचिव रही पलक पुराणिक उन्हें अन्य लोगों के साथ मिलकर ब्‍लैकमेल कर रही थी। भय्यू महाराज ने 12 जून 2018 को इंदौर स्थित अपने घर में कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में सत्र न्यायालय ने करीब साढ़े तीन साल सुनवाई चली। इंदौर सत्र न्‍यायालय ने उनके करीबी सेवादार रहे शरद देशमुख, विनायक दुधाले और पलक पुराणिक को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के मामले में छह साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पलक भय्यू महाराज की सचिव थी। धीरे-धीरे उसने महाराज से नजदीकी बढ़ा ली थी और महाराज के साथ कुछ निजी पलों के वीडियो फुटेज और वाट्सअप पर हुई चैट के स्क्रीनशाट भी अपने पास रखे थे। महाराज ने जब आयुषी के साथ शादी की तो पलक ने उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था। वह पुलिस को शिकायत करने की धमकी भी देती थी। महाराज का सेवादार विनायक दुधाले पलक से मिला हुआ था औ वह महाराज को नशीली दवाएं देता था। 16 साल से जुड़ा होने के कारण महाराज उस पर गहरा विश्वास करते थे, लेकिन विनायक भी पलक के साथ पर्दे के पीछे रहकर महाराज पर दबाव डलवाता था। आत्महत्या से पहले उनसे कुछ दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर कराए थे। आत्महत्या वाले दिन महाराज का सेवादार शरद देशमुख ही उनके साथ था और महाराज को वह अस्पताल ले गया था। शरद ज्यादातर बंगले पर रहता था और महाराज के कई राज जानता था। शरद और विनायक भी आपस में मिले हुए हैं। शरद कई बार स्वजनों को भी महाराज से मिलने नहीं देता था और उन्हें भड़काता था। इस बारे में महाराज की पत्नी आयुषी देशमुख का कहना है कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करती हूं। महाराज के जाने से परिवार को जो क्षति हुई है। उसकी भरपाई सजा से नहीं हो सकती, लेकिन सत्य की जीत हुई है और फैसला सही रहा। वहीं महाराज की बेटी कुहू का कहना है कि कोर्ट के फैसले पर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहती। महाराज की बेटी होने के कारण मेरी बात का लोग क्या मतलब निकालते हैं। यह समझना मुशि्कल है।