सोशल मीडिया पर आपतिजनक पोस्ट पड़ेगी भारी
भोपाल । विधानसभा चुनाव तथा आने वाले त्यौहारों के दौरान इंटरनेट और सोशल मीडिया पर दुर्भावनापूर्ण पोस्ट कर सांप्रदायिक, धार्मिक एवं जातिगत विद्वेष पैदा करने के असामाजिक एवं शरारती तत्वों द्वारा किये जाने वाले प्रयासों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं।
दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के प्रावधानों के तहत पारित प्रतिबंधात्मक आदेश में व्हाट्सएप, फेसबुक, हाईक, एक्स, इंस्टाग्राम, एसएमएस जैसे सोशल मीडिया के प्लेटफार्म का दुरुपयोग कर धार्मिक, सामाजिक, जातिगत भावनाओं एवं विद्वेष को भडक़ाने वाले प्रकार के संदेशों के प्रसारण पर पूर्णत: रोक लगा दी गई है। आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर ऐसे आपत्तिजनक एवं उन्माद फैलाने वाले संदेश, फोटो, ऑडियो-वीडियो प्रसारित या फारवर्ड नहीं कर सकेगा जिनसे धार्मिक, सामाजिक, जातिगत भावनायें भडक़ सकती हैं या सांप्रदायिक विद्वेष पैदा हो सकता है।
प्रतिबंधात्मक आदेश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर ऐसी किसी भी पोस्ट को कमेंट, लाइक, शेयर या फॉरवर्ड नहीं कर सकेगा जिनसे धार्मिक, जातिगत एवं सामाजिक विद्वेष की भावनायें भडक़ सकती हों। आदेश में कहा गया है ग्रुप एडमिन की यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रुप में इस प्रकार के संदेशों को रोके। आदेश के अनुसार कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया के माध्यम से सामुदायिक, धार्मिक, जातिगत विद्वेष फैलाने या समुदाय के मध्य घृणा अथवा वैमनश्यता पैदा करने, दुष्प्रेरित करने, उकसाने या हिंसा फैलाने का प्रयास नहीं करेगा और न ही इसके लिए प्रेरित कर सकेगा।
कोई भी व्यक्ति अफवाह या तथ्यों को तोड़ मरोडक़र भडक़ाने अथवा उन्माद पैदा करने वाले संदेश प्रसारित नहीं कर सकेगा जिनसे लोगों या समुदाय विशेष में हिंसा या गैर कानूनी गतिविधियां उत्पन्न हो सकती हों। ऐसे सन्देश लाइक, शेयर या फॉरवर्ड भी नहीं किये जा सकेंगे तथा न हीं ऐसा करने के लिए किसी को प्रेरित किया जा सकेगा। प्रतिबंधात्मक आदेश में स्पष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति या समुदाय ऐसे संदेशों को प्रसारित नहीं कर सकेगा जिसे किसी व्यक्ति संगठन समुदाय आदि को एक स्थान पर एक राय होकर जमा होने या कोई विशेष कार्य गैर कानूनी गतिविधियों को करने के लिए कहा गया हो तथा जिससे कानून एवं शांति व्यवस्था भंग होने की प्रबल संभावना विद्यमान हो।
विधानसभा चुनाव और त्यौहारों के दौरान सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने जारी यह प्रतिबंधात्मक आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है तथा यह आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने की दशा में संबंधित के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188, साइबर विधि तथा अन्य अधिनियम के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।