भोपाल । महंगी बिजली की शिकायत कर रहे उद्योगों को राहत मिलने की उम्मीद जागी है। प्रदेश सरकार के द्वारा बिजली की दरें घटाए बगैर मप्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआइडीसी) के जरिए उद्योगों को सस्ती बिजली प्रदाय का रास्ता निकलता दिख रहा है। प्रस्ताव शासन को मंजूरी के लिए भेज भी दिया गया है। सबकुछ ठीक रहा तो महंगी बिजली से उत्पादन लागत बढऩे की उद्योगों की अरसेे से चली आ रही शिकायत दूर हो जाएगी। प्रस्ताव का लाभ फिलहाल पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का नया हिस्सा यानी सेक्टर-7 और प्रस्तावित इकोनामिक कारिडोर के उद्योगों को मिलेगा। इस प्रस्ताव को प्रदेश के औद्योगिक निवेश के लिए भी गेमचेंजर माना जा रहा है।
प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियों को बिजली की आपूर्ति मप्र की विद्युत वितरण कंपनियां ही करती है। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के स्पेशल इकोनामिक जोन (सेज) की व्यवस्था अलग है। सेज में बिजली आपूर्ति का जिम्मा एमपीआइडीसी संभाल रहा है। सेज में संचालित औद्यौगिक इकाइयों को एमपीआइडीसी 4 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली आपूर्ति करता है। सेज के बाहर चल रहे उद्योगों को पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी बिजली आपूर्ति करती है। इससे बिजली लेने वाले सभी उद्योगों को सात रुपये यूनिट की दर से बिजली मिलती है। सेज के बाहर बसे उद्योग अरसे से मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी एमपीआइडीसी बिजली वितरण करे ताकि सस्ती बिजली सुलभ हो सके।
अन्य क्षेत्रों की आपूर्ति के घाटा भी उद्योगों के जिम्मे
उद्योगों की शिकायत है कि बिजली कंपनियों का क्षेत्र बढ़ा है। ऐसे में लाइन लास और बैलेंस शीट के घाटे से लेकर सब्सिडी के हिस्से सभी उपभोक्ताओं में बांट देती है। अन्य क्षेत्रों की आपूर्ति के घाटा भी उद्योगों के जिम्मे आ जाता है, इससे उद्योगों को महंगी बिजली मिल रही है। पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अनुसार सेज में संचालित बड़ी कंपनियां जो पूरी तरह निर्यातक इकाइयां है ऐसी करीब 48 इकाइयों को 50 मेगावाट बिजली आपूर्ति एमपीआइडीसी कर रहा है। सस्ती बिजली देकर भी एमपीआइडीसी सालाना करीब 10 करोड़ रुपये का लाभ भी कमा रहा है। यदि अन्य उद्योगों को भी एमपीआइडीसी बिजली दे तो उसका लाभ भी बढ़ेगा और उद्योगों को राहत भी मिल सकेगी।
नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए प्रस्ताव
एमपीआइडीसी ने बेटमा के पास पीथमपुर का नया सेक्टर 7 विकसित कर रहा है। दो हजार एकड़ के इस नए औद्योगिक क्षेत्र के साथ ही सुपर कारिडोर से राऊ बायपास तक विकसित होने वाले इकोनामिक कारिडोर के उद्योगों को बिजली आपूर्ति के लिए एमपीआइडीसी ने प्रस्ताव तैयार कर भेज दिया है। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक सेज से बाहर होने पर भी इन क्षेत्रों के तमाम उद्योगों को पांच रुपये यूनिट तक की दर पर बिजली आपूर्ति करना संभव होगा। अब सचिव और सरकार स्तर से प्रस्ताव की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। तकनीकी बाधा इसलिए नहीं है क्योंकि एमपीआइडीसी के पास पहले से बिजली वितरण का लायसेंस है ही। दरअसल बिजली कंपनी की तरह एमपीआइडीसी सीधे पावर ट्रांसमिशन कंपनी से बिजली खरीद कर वितरण करता है। इसलिए सस्ती बिजली प्रदाय करना संभव है।
निवेश भी बढ़ेगा
सेक्टर-7 और इकोनामिक कारिडोर के लिए हमने बिजली आपूर्ति का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। उद्योगों की लंबे समय सेे मांग हमारे पास आ रही थी। सस्ती बिजली से औद्योगिक निवेश भी तेजी से आएगा क्योंकि उत्पादन लागत घटेगी।
- रोहन सक्सेना, क्षेत्रीय निदेशक, एमपीआइडीसी
दोनों को लाभ होगा
पीथमपुर के उद्योग लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि सेज के बाहर भी एमपीआइडीसी बिजली दे। उद्योगों को तो दो रुपये यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी ही एमपीआइडीसी का सालान मुनाफा भी 50 करोड़ तक पहुंचने का आंकलन है।