सरकार बनी तो पहले जातिगत जनगणना कराएंगे: राहुल
शाजापुर । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि अगर कोई चोट लगती है तो सबसे पहले एक्सरे या एमआरआई होता है। इससे ही समस्या पता चलती है। हमारे देश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), आदिवासी और दलित कितने हैं, इसका सवाल किसी के पास नहीं है। हमें हिंदुस्तान का एक्सरे करना है। यह पता लगाना है कि देश के बजट पर ओबीसी का कितना कंट्रोल है? उनकी आबादी कितनी है? हिंदुस्तान के सामने सिर्फ एक मुद्दा है- जातिगत जनगणना। कांग्रेस की सरकार बनी तो पहला काम यही होगा। हम देश को बताएंगे कि हमारे यहां कितने ओबीसी हैं।
राहुल गांधी ने जातिगत जनगणना के मुद्दे की शुरुआत महिला आरक्षण बिल से की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि आप खुद को ओबीसी नेता कहते हैं। आप ओबीसी के लिए काम करते हैं। तब आपने महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं किया? इसका उनके पास कोई जवाब नहीं है। आंकड़ों ने मुझे हैरान कर दिया। नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बीजेपी में ओबीसी के विधायक और सांसद है। कांग्रेस की चार सरकारें हैं और इनमें से तीन मुख्यमंत्री ओबीसी है।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि आप संसद या विधानसभा में जाकर भाजपा के सांसद-विधायक से पूछ लीजिए कि कानून बनाते समय क्या आपसे पूछा जाता है? कानून भाजपा के एमएलए-एमपी नहीं, आरएसएस वाले और अफसर बनाते हैं। हिंदुस्तान को 90 अफसर चलाते हैं। यह लोग कानून बनाते हैं। कितना पैसा कहां जाना है, यह तय करते हैं। बीजेपी की दस साल से सरकार है। दो-तीन साल पहले इन 90 में से शून्य अफसर ओबीसी के थे। आज तीन अफसर हैं। 43 लाख करोड़ रुपये के बजट में इन अफसरों का कंट्रोल सिर्फ पांच प्रतिशत है। वाकई में मोदी ओबीसी के लिए काम करते हैं तो 90 अफसरों में उनकी संख्या तीन क्यों है?
राहुल गांधी ने कहा कि हमने सवाल पूछा कि ओबीसी की आबादी कितनी है, तो इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जातिगत जनगणना नहीं हुई है। हमारी सरकार ने जातिगत जनगणना कराई थी, लेकिन उसके आंकड़े नरेंद्र मोदी के पास हैं। नरेंद्र मोदी बताना नहीं चाहते कि ओबीसी कितने हैं? वह आपको सच्ची शक्ति नहीं देना चाहते हैं। वह आपके लोगों को विधानसभा में बिठाते हैं लेकिन चुप करा देते हैं। उनसे सवाल पूछो तो वह इधर-उधर की बात करते हैं। भाग जाते हैं। अमित शाह भी कुछ नहीं बताते। हिंदू-मुस्लिम को भडक़ाने की बात करने लग जाते हैं। यह हिंदुस्तान सबका है। दो-तीन उद्योगपतियों का नहीं है। हमारी सरकार बनी तो पहला काम जातिगत जनगणना होगा। हमारी सरकार आएगी तो हम देश को बता देंगे कि कितने ओबीसी है।