कर्मचारियों को नहीं कांग्रेस के वचनों पर भरोसा
भोपाल । कांग्रेस के वचनों पर कर्मचारियों को भरोसा नहीं है। इनमें संविदा कर्मचारी अहम है। मंगलवार को जारी अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस संवर्ग के कर्मचारियों के साथ न्याय करने का आश्वासन दिया है। जबकि इसके पहले 2018 में सरकार बनाने वाली कांग्रेस ने इस संवर्ग के साथ दूसरे नियमिति कर्मचारियों की मांगों पर वोट लेने के बाद भी आयोग बनाकर टाल गई थी।
वजह यह भी है कि मंगलवार को जारी इस वचन पत्र में कांग्रेस ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि यह न्याय किस प्रकार किया जाएगा। जबकि संविदा संवर्ग का यह कर्मचारी लंबे समय से दूसरे नियमित कर्मचारियों के समान सुविधाओं के लिये लंबे समय से लड़ रहा है। जिसमें सबसे बड़ी मांग सेवा में संविदा शब्द विलोपित करना प्रमुख हैं। बावजूद इसके इस बात को नजर अंदाज करते हुए सिर्फ न्याय का आश्वासन दिया है।
संविदा कर्मचारियों संगठनों की माने तो कांग्रेस ने वचन पत्र के 13वें बिंदु के क्रमांक एक में सिर्फ मानदेय के स्थान पर वेतनमान और दूसरे कर्मचारियों के समान सम्मान देना भर शामिल किया है। इतना ही नहीं 13.2 में यह भी कहा है कि कैबिनेट की पहली बैठक में इससे जुड़ा प्रस्ताव लाया जाएगा। बता दें कि कांग्रेस ने पिछली बार 112 पन्ने के वचन पत्र में 973 घोषणाएं की थी। जिनमें ऋण माफी भी शामिल थी।
प्रथम दृष्टया कांग्रेस संविदा कर्मचरियों का विश्वास इसलिये भी नहीं जीत पा रही है क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनावों के बाद सरकार बनते ही कांग्रेस ने कर्मचारियों की मांगों को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। कर्मचारियों में इस बात पर भी आक्रोश है कि मामले को लटकाने के लिये गठित की गई समिति में कर्मचारी के बजाय भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को जिम्मेदारी सौंप दी गई थी। समिति की रिपोर्ट अब तक न तो सामने आई और ना ही तब सरकार ने कर्मचारियों के लिये कुछ किया था।
कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में संविदा कर्मचारियों से जुड़े जिन बिंदुओं का उल्लेख किया है, उनमें अधिकांश का लाभ मौजूदा सरकार पहले से दे रही है। इसमें चिकित्सा बीमा, मातृत्व अवकाश, आकस्मिक अवकाश, आकस्मिक मृत्यु पर अनुग्रह राशि, सेवानिवृत्त पर एकमुश्त राशि, अनुकंपा नियुक्ति की सुविधा और ईपीएफ पेंशन जैसे लाभ शामिल है।
कांग्रेस ने पिछली बार बेरोजगारी भत्ते की न्यूनतम सीमा 2500 रुपए और अधिकतम सीमा चार हजार रुपए करने का वादा किया था। इस वादों को सरकार ने पूरा नहीं किया था। सरकार ने इस बार युवाओं को रोजगार देने के लिए समग्र युवा रोजगार नीति बनाने का वादा किया है। शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अधिकतम दो वर्ष तक 1500 से तीन हजार रुपए का आर्थिक सहयोग प्रदान करेंगे।
कांग्रेस ने 116 पेजों के वचन पत्र में जनता से जुड़े 59 मुद्दों को शामिल किया गया है। इसमें 1290 वचन हैं। कांग्रेस ने मुख्य 101 गारंटियां भी दी है। इसके साथ ही सात सेक्टर किसान, युवा, महिला, आस्था, सामाजिक न्याय, कर्मचारी, परिवार को बांटा गया है।