सोशल मीडिया पर तेज हुआ चुनावी वार
भोपाल । मिशन 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने रणनीति बनाकर जहां मैदानी मोर्चा संभाल लिया है, वहीं दोनों पार्टियों के मीडिया सेंटरों ने चुनावी वार तेज कर दिया है। इसका नजारा सोशल मीडिया पर दिखने भी लगा है। मुद्दा बड़ा हो या फिर छोटा मीडिया सेंटर में तैनात नेता एक-दूसरे पर हमला करने से तनिक भी नहीं चुक रहे हैं। इसी क्रम में राजनीतिक दल खासकर भाजपा और कांग्रेस ने मप्र में अपनी मीडिया टीमों को चुनावी हमले के लिए सक्रिय कर दिया है। भाजपा ने राजधानी में राज्य स्तरीय अत्याधुनिक मीडिया सेंटर तैयार किया है। पार्टी की चुनाव संबंधी हर पत्रकारवार्ता या चर्चा यहीं हो रही हैं। वहीं कांग्रेस प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से पुराने ढर्रे पर ही काम चला रही है। चुनाव को लेकर कांग्रेस ने किसी तरह का नया बदलाव नहीं किया है। इससे प्रदेश का राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है।
गौरतलब है की प्रदेश के अधिकांश मतदाताओं तक पहुंचने का सबसे बड़ा माध्यम सोशल मीडिया है। इसलिए भाजपा-कांग्रेस ने इसके लिए वकायदा इसके लिए रणनीति बनाई है। कांग्रेस एवं भाजपा की मीडिया टीम के सभी पदाधिकारी सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय है। फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, कू, टिंबर एप से लेकर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लगातार विरोधी दलों पर हमलावर बने हैं। भाजपा के प्रदेश संवाद प्रमुख आशीष अग्रवाल कांग्रेस पर सबसे ज्यादा आक्रामक भूमिका में हैं। पार्टी के प्रवक्ता, पेनालिस्ट भी मीडिया, सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय पेनालिस्ट भी मीडिया, सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय बने हुए हैं। जिन प्रवक्ताओं को जिला और संभाग स्तर पर दायित्व सौंपे हैं, वे भी मुश्तैदी से मोर्चा संभाले हैं। वहीं कांग्रेस में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले और मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा भाजपा पर हमला कर रहे हैं और त्वरित पलटवार की स्थिति में रहते हैं। हालांकि बबेले पर्दे के पीछे रहना ज्यादा पसंद करते हैं, वे पार्टी प्रवक्ताओं और मीडिया टीम को लगातार भाजपा और सरकार पर हमला बोलने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
वार रूम में राष्ट्रीय प्रवक्ता तैनात
चुनावों में एक-दूसरे को घेरने के लिए मीडिया सेंटर का कितना बड़ा महत्व है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वार रूम में राष्ट्रीय प्रवक्ता भी तैनात किए गए हैं। कांग्रेस द्वारा चुनाव के मद्देजनर भोपाल के अलावा ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में भी वार रूम शुरू किए गए हैं। यहां एक-एक राष्ट्रीय प्रवक्ता को दायित्व सौंपा है। भाजपा में भी राष्ट्रीय प्रवक्ताओं ने भोपाल स्थित मीडिया सेंटर में जिम्मेदारी संभाल ली है। केंद्रीय टीम पूरा समय मप्र भाजपा को दे रही है। कांग्रेस की ओर से प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला भाजपा पर लगातार हमले कर रहे हैं । वहीं चार प्रवक्ता रागिनी नायक, आलोक शर्मा, चरण सिंह सप्रा और सुरेन्द्र सिंह राजपूत को मप्र भेजा है। साथ ही इन्हें क्रमश: भोपाल, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर संभाग का दायित्व भी सौंपा है। ये सभी मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग से समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। भाजपा पर लगातार हमले कर रहे हैं। वहीं भाजपा नेतृत्व ने भी राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेमशंकर शुक्ला, केके शर्मा और राष्ट्रीय पेनालिस्ट राकेश त्रिपाठी को मप्र भेजा है। ये तीनों पदाधिकारी पूरा समय मप्र को दे रहे हैं । मीडिया में पार्टी का पक्ष भी रख रहे हैं । चुनाव की घोषण के बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया, सुधांशु त्रिवेदी और संबित पात्रा भी आएंगे।
हाईटेक मीडिया सेंटर
भाजपा और कांग्रेस के मीडिया सेंटर आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। राजधानी के रानी कमलापति स्थित नवनिर्मित कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स में भाजपा का अत्याधुनिक मीडिया सेंटर शुरू हो गया है। यहां पत्रकारों के लिए वाईफाई से लेकर कंप्यूटर एवं अन्य डिजिटल सुविधा है। हर समय पार्टी की मीडिया टीम पत्रकारों के लिए उपलब्ध रहती है। इसके अलावा प्रदेश के अलग-अलग हिस्से में राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए टीमें तैनात हैं। मीडिया टीम के पदाधिकारी हर समय सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। विपक्ष पर तीखा हमलावर बने हुए हैं। इधर, कांग्रेस ने इस तरह का कोई मीडिया सेंटर नहीं बनाया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से ही प्रेस से जुड़ी गतिविधियां संचालित हो रही हैं। कांग्रेस में मीडिया के लिए भाजपा जैसी सुविधाएं बढ़ाने की कोई योजना फिलहाल नहीं है ।
यह है भाजपा की मीडिया टीम
प्रदेश प्रभारी आशीष अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ताओं में गोविंद मालू, मिलन भार्गव, राजपाल सिसौदिया, शशिकांत शुक्ला, पंकज चतुर्वेदी, डॉ. दुर्गेश केसवानी, नेहा बग्गा, प्रहलाद कुशवाह, नरेंद्र सलूजा, ब्रजगोपाल लोया, गुलरेज शेख, यशपाल सिंह सिसौदिया (विधायक), अर्चना चिटनीस, महेन्द्र सिंह सोलंकी (सांसद), सुमेर सिंह सोलंकी (सांसद), केपी यादव (सांसद), सनवर पटेल, राम डागोरे (विधायक), डॉ. हितेश वाजपेयी हैं। जबकि जुगलकिशोर शर्मा (प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया समन्वयक), नरेद्र शिवाजी पटेल, जवाहर प्रजापति, प्रशांत तिवारी, अनिल पटेल, अशीष तिवारी, सचिन सक्सेना, विवेक तिवारी और दीपक जैन सह मीडिया प्रभारी हैं। वहीं बृजेश पांडे, शिवम शुक्ला, मंजरी जैन, वंदना त्रिपाठी और सचिन वर्मा मीडिया पेनालिस्ट हैं। खास बात यह है कि इनमें कुछ पदाधिकारी सोशल मीडिया पर ही ज्यादा सक्रिय दिखते हैं। जिन्हें चुनाव लडऩा है वे ज्यादा सक्रिय नहीं है। जबकि कुछ प्रवक्ता ज्यादा तेजतर्रार हैं, जो कांग्रेस पर हर तरह से हमलावर हैं। जिनमें प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी, बृज गोपाल लोया, मिलन भार्गव, गुलरेज शेख, दुर्गेश केसवानी और नेहा बग्गा पार्टी के लिए अपेक्षाकृत ज्यादा समय दे रहे हैं और विरोधी दलों पर तीखे प्रहार कर रहे हैं।
यह है कांग्रेस की मीडिया टीम
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा है। अभय दुबे स्टेट मीडिया समन्वयक हैं। जबकि संगीता शर्मा, अजय सिंह यादव, अब्बास हफीज, भूपेन्द्र गुप्ता, विभा बिंदु डागोर, अवनीश बुंदेला, संतोष सिंह गौतम, आरपी सिंह मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष हैं। जबकि प्रदेश प्रवक्ताओं में मृणाल पंत, स्वदेश शर्मा, मिथुन अहिरवार, संतोष सिंह परिहार, राम पांडे, आनंद जाट, अजीत सिंह भदौरिया, दीप्ति सिंह, रोहित नायक, संजय महेन्द्र, विक्की खोंगल, अवनीश भार्गव, केदार सिरोही, आनंद तारण, राजकुमार केलू, कुंदन पंजाबी, जीतेन्द्र मिश्रा, योगेश यादव, संदीप सबलोक, अमिताल अग्निहोत्री, रवि वर्मा, विक्रम खंपरिया, अपराजिता पांडे, देवषीष जरारिया, शहरयार खान, अभिषेक बिलगैया, निकिता खन्ना, प्रवीण धौलपुरे, नीलाभ शुक्ला, अमीनुल खान सूरी, योगेन्द्र सिंह जादौन, अलमास सलीम, हिदायत उल्ला खान, निर्मल पुरोहित, और नितिन दुबे हैं। इसके अलावा 17 संभागीय प्रवक्ताओं की टीम हैं । इनमें से अब्बास हफीज, आनंद जाट, मिथिन अहिरवार, अवनीश बुंदेला, धर्मेन्द्र शर्मा खासे सक्रिय हैं। ये ज्यादा समय पार्टी के लिए दे रहे हैं। कांग्रेस की मीडिया टीम भाजपा से बड़ी है, लेकिन कई पदाधिकारी पद लेने तक सीमित हैं। चुनावी साल में भी अपेक्षाकृत कम सक्रिय हैं। कुछ पदाधिकारी तो महीनों से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय तक नहीं आए। हालांकि ये सोशल मीडिया पर जरूर सक्रिय दिखते हैं । पार्टी ने कुछ पदाधिकारियों को दूसरे दायित्व भी सौंप दिए हैं। इस वजह से वे मीडिया विभाग को समय नहीं दे पा रहे हैं ।