उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने तीन आपराधिक कानूनों पर कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.चिदंबरम के तीखे बयान पर नए सिरे से हमला किया है। धनखड़ ने कहा कि आपकी चुप्पी से लगता है कि सदन में चुप रहकर बिना भाग लिए हुए अपना शामिल होना जाहिर कर रहे हैं।सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेना और बाहर टिप्पणी करना गलत है।सोमवार को उप राष्ट्रपति धनखड़ ने शनिवार से दूसरी बार चिदंबरम पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्होंने (चिदंबरम ने) सदन (राज्य सभा) में कुछ नहीं कहा। वह समिति (गृह मंत्रालय से संबंधित स्थायी समिति) के सदस्य थे। अगर कोई समिति का सदस्य होता है तो वह उसके समक्ष अपने विचार रखता है। समिति बहुमत के आधार पर फैसला लेती है।सदस्य को अपनी बात सदन में रखने का अवसर मिलता है। वह तार्किक व मनाने की कवायद करके अपना पक्ष मनवाने का प्रयास करता है। धनखड़ ने राज्यसभा के इंटर्न के एक समूह को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप अपने संवैधानिक दायित्वों का पालन ही नहीं करते हैं तो फिर आप अपना काम नहीं कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी अगर आप बाहर कुछ कहते हैं तो यही संदेश देते हैं कि आपने एक दुलर्भ अवसर को गंवा दिया है। उल्लेखनीय है कि एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो चुके हैं।