कांग्रेस का फलस्तीन को समर्थन, हमास की हैवानियत पर चुप्पी
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह की ओर से पीएफआई जांच को लेकर अभी हाल ही में दिए गए एक बयान से राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ की जा रही जांच और छापेमारी की कार्रवाई पर ही सवाल उठाए हैं। एनआईए की ओर से प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ छह राज्यों में 20 स्थानों पर तलाशी अभियान को लेकर राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अगर इस संगठन के खिलाफ कोई आरोप है, तो छापेमारी करना ठीक है, लेकिन ऐसे 97 फीसदी मामलों में आरोप झूठे पाए गए हैं। हालांकि, कांग्रेस द्वारा हमास और फलस्तीन का समर्थन करने के भाजपा के आरोपों का उन्होंने खंडन भी किया है। यह कोई नया मामला नहीं है, जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के विवादित बयान से राजनीति में उबाल आया है। इससे पहले विकीलीक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के न्यूक्लियर परीक्षण के बारे में कमलनाथ ने अमेरिका को जानकारी दी थी।
पीएफआई पर 97% केस झूठे
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा कांग्रेस पर हमास और फलस्तीन मुद्दे का समर्थन करने के आरोपों के बीच पार्टी नेता दिग्विजय सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस कभी भी हमास जैसे चरमपंथी संगठन का समर्थन नहीं करेगी. वहीं, एनआईए की ओर से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ छह राज्यों में 20 स्थानों पर तलाशी अभियान को लेकर राज्यसभा सदस्य ने कहा कि अगर इस संगठन के खिलाफ कोई आरोप है, तो छापेमारी करना ठीक है. लेकिन, ऐसे 97 फीसदी मामलों में आरोप झूठे पाए गए हैं.
उन्होंने मध्य प्रदेश के उज्जैन में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा कि फलस्तीन और इजरायल के बीच सीमा विवाद है। हमास एक चरमपंथी संगठन है और हम (कांग्रेस) कभी इसका समर्थन नहीं करेंगे। आप इसे आतंकवादी गतिविधि कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि इजरायल और फलस्तीन के बीच संघर्ष को सुलझाया जाना चाहिए और शांति स्थापित की जानी चाहिए।
पहले हमास की हैवानियत पर चुप्पी, विरोध पर बदले सुर
इससे पहले रविवार को कांग्रेस कार्यसमिति के बैठक में एक प्रस्ताव में इजरायल पर हमले का जिक्र किए बिना कथित तौर पर हमास और फलस्तीन मुद्दे का समर्थन करने के लिए कांग्रेस निशाने पर आ गई थी। कांग्रेस ने प्रवर्तन निदेशालय, आयकर और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सहित केंद्रीय एजेंसियों को राजनीतिक हथियार करार देते हुए आरोप लगाया कि इन एजेंसियों का इस्तेमाल सरकारों को गिराने के लिए किया जा रहा है।
कमलनाथ पर परमाणु परीक्षण की जानकारी लीक करने का आरोप
इससे पहले विकीलीक्स ग्रुप ने इस साल की जुलाई में अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि परमाणु परीक्षण के बारे में कमलनाथ ने अमेरिकी दूतावास को जानकारी दी थी। भाजपा ने उसी रिपोर्ट के आधार पर कमलनाथ पर आरोप भी लगाया था। 47 साल पुरानी यूएस डिप्लोमेसी रिपोर्ट में कहा गया है कि नाथ ने भारत के परमाणु कार्यक्रम के बारे में अमेरिका को गुप्त जानकारी दी थी। भाजपा ने कहा कि कमलनाथ ने देश को धोखा दिया है। उन्हें विकीलीक्स खुलासे पर जवाब देना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने देश के परमाणु कार्यक्रम के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी अमेरिका को दी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि केंद्रीय वाणिज्य मंत्री के रूप में देश ने चीन के साथ उनकी निकटता को भी देखा है।
विकीलीक्स की रिपोर्ट के बाद मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने आरोप लगाया था कि इससे कमलनाथ की छवि खराब हुई है, चाहे वह 1984 के सिख विरोधी दंगे हों या यह खतरनाक खुलासा कि उन्होंने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया। उन्हें स्पष्टीकरण के साथ आगे आने होगा।