ट्रेनों में लगे सरकारी विज्ञापनों से कांग्रेस हुई नाराज
भोपाल । विधानसभा चुनाव को लेकर लगी आदर्श आचार संहिता के बावजूद भी ट्रेनों में सरकारी विज्ञापन लगे हुए हैं, लिहाजा कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की है। कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत पत्र लिखकर कहा है कि आचार संहिता लगने के बाद भी ट्रेन की बोगियों पर मध्य प्रदेश शासन की कई योजनाओं का प्रचार प्रसार लगातार हो रहा है। ऐसे में यह साफ तौर पर आचार संहिता का उल्लंघन भी है। निर्वाचन आयोग ने शिकायत को गंभीरता से लिया और मध्यप्रदेश के तमाम कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वह रेलवे के अधिकारियों से इस विषय में बात करने के बाद आवश्यक कार्यवाही करें।कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता प्रवासी कर दी गई है। लेकिन इसके बाद भी राज्य शासन के अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के प्रचार- प्रसार में लगे हुए हैं, और प्रत्येक शहर में कई स्थानों पर शासन की योजना विशेषकर लाड़ली बहना के पोस्टर लगे हुए हैं। कांग्रेस नेता ने अपनी शिकायत पत्र में लिखा है कि मध्यप्रदेश की सीमा से निकलने वाली अधिकतर ट्रेनों की बोगियो पर मध्यप्रदेश राज्य शासन के विज्ञापन के पोस्टर लगे हुए हैं। जो की रेलवे के अधिकारियों कि लापरवाही उजागर कर रही है। ऐसे में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने के लिए शासकीय धन एवं संसाधनों का भी जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। कांग्रेस नेता जेपी धनोपिया ने अपने शिकायत पत्र में कुछ फोटो भी लगाए हैं जिसमें की मध्यप्रदेश शासन की योजनाएं लिखी हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो भी लगी हुई है। कांग्रेस नेता की शिकायत पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मध्य प्रदेश के तमाम कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिए है कि इस विषय पर प्रतिवेदन लेकर कार्यवाही करें और आवश्यक रूप से जानकारी दी जाए।
मध्यप्रदेश की सीमा में जबलपुर, रतलाम, भोपाल, झांसी नागपुर और बिलासपुर छह रेल मंडल शामिल है। प्रदेश से प्रतिदिन 500 से ज्यादा ट्रेनें गुजरती है इनमें अधिकांश ट्रेन मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान से शुरू होती है और फिर वहां से गुजरती है। रेल प्रशासन ने दावा किया था कि आदर्श आचार संहिता लगते ही तमाम शासकीय योजनाओं का विज्ञापन ट्रेनों से हटा दिया जाएगा लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी वंदे भारत सहित कई ट्रेनों में विज्ञापन लगे हुए हैं। चुनाव आयोग की नाराजगी के बाद अब रेलवे प्रशासन ट्रेनों पर लगे विज्ञापनों को हटाना शुरू कर दिया है।