लखनऊ| लोकप्रिय वेब सीरीज 'जामताड़ा' से प्रेरणा लेकर लखनऊ में साइबर ठग अब मासूमों को ठग रहे हैं। पिछले हफ्ते एक सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक कृष्णानंद गुप्ता से एक आरोपी ने खुद को सेना का अधिकारी बताते हुए 1.24 लाख रुपये की ठगी की। एक अन्य मामले में शहर के पीजीआई इलाके में सेना का अधिकारी बनकर एक व्यक्ति ने एक व्यापारी से 15 हजार रुपये की ठगी की। कारोबारी ने अपना डबल बेड बेचने का ऐड दिया था।

पुलिस रिपोटरें के अनुसार पिछले 20 दिनों में शहर से कम से कम सात मामले सामने आए हैं जहां लोगों को सेना के जवान या अर्धसैनिक बल का सदस्य बनकर लोगों से ठगी की।

साइबर सेल को रोजाना ऐसी शिकायत मिल रही है।

एसपी, साइबर सेल, त्रिवेणी सिंह ने कहा कि जालसाज विज्ञापनों को स्कैन करते हैं और अपने लक्ष्य पर फोकस करते हुए खुद को सेना का जवान बताकर लोगों का विश्वास हासिल करते हैं।

एसपी ने कहा, लोग आमतौर पर उस व्यक्ति पर भरोसा करते हैं जो खुद को सेना के जवान या अर्धसैनिक बल का बताता है। आरोपी असली दिखने के लिए फर्जी बैज नंबर, बटालियन का नाम, पोस्टिंग की जगह, सेना की वर्दी में फोटो और पहचान पत्र देते हैं।

उन्होंने बताया कि आरोपी आम तौर पर उन लोगों को निशाना बनाते हैं जो सोशल मीडिया और बिक्री और खरीद वेबसाइटों पर सेकेंड हैंड बाइक, कार, गैजेट्स और दैनिक उपयोग की चीजों के विज्ञापन देते हैं।

एसपी ने कहा कि भुगतान लेते समय वे त्वरित प्रतिक्रिया (क्यूआर) कोड के माध्यम से ठगी करते हैं।

सिंह ने कहा कि लोगों को ऐसा कॉल करने वालों के साथ अपनी गोपनीय जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए।