अभ्यर्थियों को देनी होगी आपराधिक प्रकरणों की जानकारी
भोपाल। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने गुरुवार को निर्वाचन सदन भोपाल में मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 में की जा रही तैयारियों एवं 25 अक्टूबर तक प्राप्त हुए नामांकन के बारे में जानकारी दी गई। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राजेश कुमार कौल, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी राकेश सिंह, श्रीमती रुचिका चौहान, बसंत कुर्रे, मनोज खत्री, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला, भारतीय जनता पार्टी से एस.एस. उप्पल, इंडियन नेशनल कांग्रेस से जे.पी. धनोपिया, बहुजन समाज पार्टी से सीएल गौतम, आम आदमी पार्टी से सुमित सिंह चौहान, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) से पी.व्ही. रामचंद्रन उपस्थित थे।
राजन ने बताया कि प्रदेश में संयुक्त टीमों द्वारा 140 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती कार्रवाई की गई है। इसमें रुपये, अवैध शराब, मादक पदार्थ, अमूल्य धातु, सोना, चांदी, ज्वेलरी एवं विभिन्न प्रकार की सामग्रियों की जब्ती शामिल है।
प्रदेश में सामान्य प्रेक्षक 152, पुलिस प्रेक्षक 35 और 102 व्यय प्रेक्षक नियुक्त किए गए है। 25 अक्टूबर तक 290 अभ्यर्थियों ने 327 नाम निर्देशन पत्र जमा किए गए हैं।
राजन ने बताया कि वोटर आईडी कार्ड के अलावा भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मान्य किए गए 12 वैकल्पिक दस्तावेज के आधार पर मतदाता मतदान कर सकेंगे। मतदाताओं को मतदाता पर्ची और वोटर गाइड का वितरण किया जाएगा। इस बार वोटर पर्ची में क्यूआर का कोड का उपयोग होगा।
मतदान केंद्रों पर रैंप, बिजली, पानी, फर्नीचर, हेल्प डेस्क, शौचालय और समुचित संकेतकों की व्यवस्था की गई है। राजन ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ मतदाता और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुगम सुविधा प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 1 लाख 18 हजार 687 आवेदन 12 डी के प्राप्त हुए हैं। मतदान से पहले उम्मीदवार को रूट चार्ट के बारे में जानकारी दी जाएगी। प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा नाम निर्देशन के साथ निर्धारित प्रपत्र में शपथ पत्र भरकर उपलब्ध कराना होगा। अभ्यर्थी को आपराधिक प्रकरणों की जानकारी देनी होगी। इसके लिए अभ्यर्थी को तीन अलग-अलग तिथियों में समाचार पत्रों में प्रकाशन एवं न्यूज चैनलों में प्रसारण कराना होगा, जिससे मतदाताओं को ऐसे उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि के बारे में पता चल सके। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्रों में कुल मतदान केंद्र के 50 प्रतिशत मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग/सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की जाएगी, जिससे क्रिटिकल घटनाओं पर नजर रखी जा सके।