मध्यप्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर भाजपा-कांग्रेस में फंसा पेंच
भोपाल । मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में अब सिर्फ 25 दिन शेष बचे हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने प्रदेश की लगभग सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। प्रदेश की 228 विधानसभा सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के बीच मुकाबला तय हो गया है। लेकिन भाजपा ने 2 सीटों पर, तो वहीं कांग्रेस ने 1 सीट पर अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। आखिर भाजपा-कांग्रेस ने इन सीटों पर उम्मीदवार क्यों होल्ड कर दिए, यह सियासी बहस का मुद्दा बन गया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृहनगर विदिशा सीट पर अभी तक भाजपा नेे उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। दरअसल विदिशा पिछले 60 सालों से भाजपा का गढ़ रहा। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के शशांक भार्गव भाजपा के इस गढ़ को भेद दिया था। कांग्रेस ने फिर से शशांक भार्गव को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में भाजपा इस जद्दोजहद में है कि कैसे इस गढ़ को वापस पाया जाए। जानकारी के मुताबिक सीएम शिवराज के प्रभाववाली इस सीट पर ज्योति त्यागी, मुकेश टंडन, श्याम सुंदर शर्मा, मनोज कटारे और तोरन सिंह दांगी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में पार्टी उम्मीदवार के नाम को लेकर असमंजस में हैं।
आरक्षित गुना विधानसभा सीट पर भाजपा ने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। इस सीट पर 1993 से लगातार भाजपा का कब्जा रहा है। वर्तमान में गोपीलाल जाटव विधायक हंै। जिनका क्षेत्र म काफीें विरोध है। कांग्रेस ने गुना से युवा चेहरे पंकज कनेरिया को उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में गुना सीट पर भाजपा के उम्मीदवार का घोषित नहीं किया जाना, सस्पेंस बढ़ा रहा है।
कांग्रेस ने प्रदेश की 230 में से 229 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। लेकिन बैतूल की आमला सीट पर उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस इस सीट पर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को मैदान में उतारना चाहती है। लेकिन निशा बांगरे का इस्तीफा सरकार द्वारा मंजूर नहीं किए जाने से पेंच फंसा हुआ है।