उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में मोबाइल गेम की लत एक छात्र की जान पर भारी पड़ गईं. पिछले कई महीनों से गेम खेल रहे छात्र को परिजनों ने गेम खेलने से मना किया था लेकिन परिजन उसकी लत को छुड़ा नहीं सके और फिर उस छात्र ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी. घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. वहीं परिजनों ने बगैर पोस्टमार्टम कराए ही शव का अंतिम संस्कार कर दिया.

मामला राठ कोतवाली कस्बे के पठानपुरा इलाके का है. जहां तहसील के पीछे रहने वाले राजस्व कर्मी रामप्रताप का कक्षा 8 में पढ़ने वाले बेटे मनीष ने गेम की लत के कारण अपने घर की दूसरी मंजिल में चद्दर से फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. वहीं जब छात्र के परिजनों ने उसे फांसी के फंदे पर लटकता हुआ देखा तो उनके होश उड़ गए. मनीष राठ कस्बे के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में आठवीं कक्षा का था वो मोबाइल और लैपटॉप पर पबजी गेम खेलने का लती था. जिसे परिजनों ने कई बार इस प्रकार के गेम खेलने से मना किया था. मोबाइल गेम का लती हो चुके छात्र मनीष ने कभी भी परिजनों की बात नहीं मानी और लगातार फोन और लैपटॉप में गेम खेलता रहा. वहीं आज उसने फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक छात्र के पिता रामप्रताप कि माने तो वह राठ तहसील में बतौर राजस्व कर्मी के पद तैनात हैं.

मोबाइल गेम्स की लत ने फिर एक मासूम को छीन लिया
राठ थाना ने बताया कि उनके परिजन आनन-फानन में उसे अस्पताल ले गये थे. जहां डॉक्टरों ने उसे मृतक घोषित कर दिया. जिसके बाद उसके परिजनो ने बिना पुलिस को सूचना दिए अंतिम संस्कार कर दिया. प्रभारी ने यह भी बताया कि छात्र मनीष मोबाइल गेम खेलने का आदी था. इसी कारण उसने आत्महत्या कर ली है. वहीं मोबाइल में पब्जी व अन्य गेम खेलने की लत में कई मासूम अपनी जान दे चुके हैं जो चिंता का विषय है ऐसे में परिजनों को अपने बच्चों पर नजर रखने की बहुत जरूरत है.