पंकज सोनी पर सुनियोजित तरीके से हुआ था हमला आईजी की जांच रिपोर्ट से हुआ खुलासा,
बैतूल। जिला मुख्यालय से प्रकाशित सांध्य हिंदी दैनिक सांझवीर टाईम्स के संपादक पंकज सोनी पर बीते 29 अक्टूबर को तथाकथित महिलाओं द्वारा किए गए हमले को लेकर महिलाओं की शिकायत के बाद नर्मदापुरम संभाग की आईजी द्वारा करवाई गई जांच से इस बात का खुलाशा हो गया की पत्रकार पंकज सोनी पर किया गया हमला पूर्ण रूप से सुनियोजित तरीके से महिलाओ को भरोसे में लेकर किया गया था। पत्रकार पंकज सोनी के कथन अनुसार उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से महिलाओं द्वारा कपड़ा व्यवसायी प्रशांत और उसके साथी अधिवक्ता रजनीश द्वारा षडय़ंत्र रचकर हमले की घटना को अंजाम दिया गया था। ज्ञात हो की इस मामले में खुद एक महिला की शिकायत पर नर्मदापुरम की आईजी दीपिका सूरी ने नर्मदापुरम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की जांच कराई। जांच में स्पष्ट हो गया है कि पत्रकार पंकज सोनी पर महिलाओं द्वारा किया गया हमला षडय़ंत्र का एक हिस्सा था। घटनाक्रम में अप्रत्यक्ष रूप से प्रशांत की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। पत्रकार पंकज सोनी ने इस मामले में मंगलवार को पत्रकारवार्ता में इस बात का खुलासा करते हुए सारी जानकारी मीडिया कर्मियों को उपलब्ध कराई।
पत्रकारवार्ता में पंकज सोनी ने बताया कि 29 अक्टूबर को जब वे अपने घर से कार्यालय आ रहे थे। इसी दौरान कुछ महिलाओं ने उनका रास्ता रोककर सुनियोजित तरीके से हमला किया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के हमले के समय उनके पैर में फैक्चर था और वे खुद अचानक हमले से नीचे गिर गए। इसके बाद महिलाओं ने उनके खिलाफ महिला थाने में छेड़छाड़ और मारपीट की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि महिला थाने में उस समय प्रशांत और रजनीश भी मौजूद थे। उन्हे पहले से ही संदेह था कि दोनों के कहने पर महिलाओं ने उन पर हमला किया है, यह बात जांच में भी स्पष्ट हो गई। पूरा घटनाक्रम उनकी छवि खराब करने के लिए अंजाम दिया गया था। पत्रकार पंकज सोनी ने बताया कि 29 अक्टूबर के पहले से उनके सिविल लाइन स्थित कार्यालय और शंकर वार्ड में स्थित आवास के ईदगिर्द रैकी निगरानी रखी जा रही थी। इसके बाद सुनियोजित ढंग से प्रशांत के कहने पर हमला करवाया गया। सभी महिलाएं प्रशांत के शापिंग माल पर काम करती है। यह बात उन्होंने खुद अपने बयान में कही थी। इसके बावजूद बैतूल पुलिस ने संबंधितों पर षडय़ंत्र रचने की कोई कार्रवाई नहीं की।
महिलाओं की शिकायत पर आईजी ने कराई जांच को लेकर उन्होंने बताया कि इस मामले में सदर निवासी प्रिया नाम की महिला ने नर्मदापुरम आईजी दीपिका सूरी को पत्रकार के खिलाफ शिकायती आवेदन देकर वाहन से टक्कर मारने, गाली गालौच कर मारपीट करने जैसी संगीन आरोप लगाए थे। पत्रकार पंकज सोनी द्वारा उनपर लगाए गए आरोपों से पूर्व से ही इंकार किया जा रहा है, लेकिन प्रिया नाम की महिला द्वारा नर्मदापुरम आईजी को फिर भी शिकायत की गई थी। आईजी ने नर्मदापुरम के एएसपी से पूरे मामले की जांच कराई। श्री पंकज सोनी ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत विधिवत उन्होंने महानिरीक्षिक कार्यालय से आवेदन देकर जानकारी ली। एएसपी नर्मदापुरम द्वारा आईजी के निर्देश पर की गई जांच में स्पष्ट हो गया है कि उनके द्वारा महिलाओं द्वारा धक्का मुक्की गई और न किसी तरह की मारपीट। उन्होंने बताया कि जांच में स्पष्ट उल्लेख है कि 29 अक्टूबर को उनके खिलाफ जो महिलाएं रिपोर्ट लिखाने थाने गई थी उनके साथ प्रशांत बोथरा और रजनीश जैन भी मौजूद थे। शिकायत करने गई महिला रेखा देशमुख ने अपने कथन पर भी हस्ताक्षर नहीं किए और वह प्रशांत बोथरा और रजनीश जैन के साथ वापस चली गई। इससे स्पष्ट है कि दोनों की मौजूदगी यहां प्रमाणित करती है कि इस शिकायत में रंजनीश जैन और प्रशांत बोथरा का अप्रत्यक्ष रूप से साथ है।
श्री सोनी ने पुलिस की भूमिका पर भी उठाए सवाल
पत्रकार पंकज सोनी ने बताया कि पिछले डेढ़ माह से वे और उनका परिवार महिलाओं के तथाकथित हमले और झूठे आरोपों से काफी आहत हुआ, उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद पुलिस ने जिस तरह से रवैया अपनाया, वह काफी अफसोस जनक है। दरअसल 3 नवंबर को पुराने कलेक्ट्रेट के सामने भी रजनीश जैन द्वारा उन्हें अपना नाम शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया गया। उसी दिन कोतवाली थाने में एफआईआर का आवेदन दिया, लेकिन आज तक पुलिस ने रजनीश जैन के विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। अलबत्ता उन्हें बुलाकर कहा गया कि थाने आकर रजनीश जैन के समक्ष इस बात की चर्चा करें कि मामले में धमकी दी गई है या नहीं। कोतवाली टीआई अप्रत्यक्ष रूप से संबंधितों को बचाने का प्रयास करती रही। उन्होंने पूरे मामले की सीडीआर की भी जांच की मांग करते हुए पूरा मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाने और न्यायालय में जाने की बात भी कही।