बैतूल। जिले में एकीकृत परियोजना कार्यालय में झाड़ू-पोंछा का काम करने वाली चम्पा वट्टी ने अपने वेतन और नौकरी से संबंधित गंभीर शिकायतों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 25 वर्षों से कार्यालय में सफाई का कार्य कर रही थीं। अप्रैल 2022 से जुलाई 2024 तक उन्हें उनके काम का वेतन नहीं दिया गया। इतना ही नहीं, जुलाई 2024 में बिना किसी पूर्व सूचना के उन्हें नौकरी से हटा दिया गया।
चम्पा वट्टी ने बताया कि वह एक अत्यंत गरीब और निर्धन परिवार से हैं। उनका कहना है कि इस अवधि के दौरान उन्हें सहायक आयुक्त, आदिम जाति विभाग, बैतूल की अधिकारी शिल्पा जैन द्वारा कई बार वेतन दिलाने का आश्वासन दिया गया, लेकिन आज तक उनके खाते में कोई भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार आश्वासन मिलने के बावजूद उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ, बल्कि उन्हें नौकरी से ही निकाल दिया गया। महिला ने अपनी आर्थिक स्थिति को अत्यंत दयनीय बताया और कहा कि वह परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बिना वेतन के गुजारा करना संभव नहीं है, और उन्हें बार-बार धमकियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इस मामले में महिला को मांझी सरकार के भारत प्रतिनिधि श्रवण परते का समर्थन मिला है। श्रवण परते ने कहा कि वह इस मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखेंगे और समस्या का शीघ्र समाधान कराने का हर संभव प्रयास करेंगे। महिला ने कलेक्टर से आग्रह किया है कि उनके अप्रैल 2022 से जुलाई 2024 तक के वेतन का भुगतान तुरंत सुनिश्चित किया जाए और उन्हें नौकरी से निकाले जाने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाए।