निखिल सोनी/दिलीप पाल

आठनेर/आमला। बैतूल जिले में नदी-नालों की बाढ़ में कई लोगों के इस साल बह जाने के बावजूद लोग सुधरने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। सामने उफनती नदी साफ नजर आने के बाद भी वे जरा भी सब्र लेने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि बाढ़ में बहने की घटनाएं भी लगातार जारी है। ऐसी ही एक घटना में आठनेर क्षेत्र में बाइक सवार 2 और युवक बह गए। शुक्र था कि बाढ़ का वेग थोड़ा कम था और उन्हें तैरना भी आता था। इसलिए उनकी जान बच गई। इधर आमला क्षेत्र में नदी में बहे युवक का शव भी आज मिल गया है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को हीरादेही-बेलकुंड मार्ग पर स्थित चांदगढ़ नदी उफान पर थी। इसी बीच 2 युवक मोटर साइकिल समेत पुलिया पार करने लगे। बीच नदी में पहुंचने के बाद वे मोटर साइकिल पर नियंत्रण नहीं रख पाए। इसी बीच पानी का तेज बहाव उन्हें मोटर साइकिल समेत बहा ले गए। 

समाजसेवी नामदेव गावंडे ने बताया कि वह तो शुक्र था कि उस समय बाढ़ उतने रौद्र रूप में नहीं थी। साथ ही दोनों युवक तैरना भी जानते थे। इसी के चलते करीब आधा घंटे तक पानी के थपेड़ों से जूझने के बाद दोनों युवक सुरक्षित बाहर आ गए। इसके बाद उन्होंने अपनी मोटर साइकिल भी बाहर निकाल ली। दोनों युवकों के सुरक्षित बाहर आने पर लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं दोनों को जमकर खरी खोटी भी सुनाई। 

 

तीसरे दिन मिला युवक का शव 

 

आमला में 2 दिन पहले खरपड़ा नदी में बहन और भांजी के साथ बहे युवक का शव भी आज मिल गया है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम को घटनास्थल से करीब 9 किलोमीटर दूर बिसखान के पास युवक राजेंद्र पंवार का शव आज सुबह 9 बजे झाड़ियों में फंसा मिला है। शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया जाएगा। पुलिस मर्ग कायम कर विवेचना कर रही है।

बोरदेही थाना प्रभारी जयंत मर्सकोले ने बताया कि बुधवार को खरपड़ा नदी में राजेंद्र पवार, उसकी बहन संध्या और भांजी लावण्या एक साथ तीनों नदी में बह गए थे। गुरुवार को संध्या और लावण्या का शव मिल गया था। उनका पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों को सौंप दिया था। राजेंद्र के शव की तलाश की जा रही थी। आज सुबह 9 बजे खरपड़ा नदी में कुछ दूरी पर ऊपरी क्षेत्र में राजेंद्र का शव भी मिल गया है।