बैतूल मप्र। भारत आस्थाओं का देश है कहा जाता है यहां के कन कन में भगवान है देश मे लाखों की संख्या में देवी देवताओं के प्रसिद्ध देव स्थल है इन सभी देव स्थलों का अपना अपना पौराणिक महत्व है इन देवालयों में लाखो करोडो भक्त अपनी मनोकामना लेकर जाते है और मन्नत पूरी होने के लिए प्रार्थना करते है ऐसा ही एक आस्था का देवालय मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम देव भिलाई में स्थित है जिसे विट्ठल रुक्मणी भगवान का देवालय कहा जाता है।वैसे तो आस्था और विश्वास के इस देवालय में साल भर आस्थावान भक्त अपनी मनोकामना लेकर यहां भगवान विट्ठल रुक्मणी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते है। विट्ठल रुक्मणी के इस दरबार मे गुड़ी पड़वा और विजया दशमी दशहरा पर एक विशाल महोत्सव का आयोजन किया जाता है जिसमे शामिल होने के लिए मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र प्रदेश के बहुत से जिलों से श्रद्धालु अपनी अपनी मन्नत लेकर यहां पहुचते है।और मन्नत पूरी होने पर यहां श्रद्धा अनुरूप चढ़ावा भी चढ़ाते है।

इस देवालय में पुजारी का कार्य करने वाले पुराजी(भगत) देवीदास साकरे की मॉने तो भगवान विट्ठल रूखमणी के इस देव दरबार मे प्रति वर्ष गुड़ी पड़वा और विजया दशमी दशहरा पर ध्वजारोहण निशान चढ़ाया जाता है जिसे पहले उनके पिता स्वर्गीय श्री बाबू राव जी साकरे करते थे उनके दिवंगत हो जाने के बाबा अब इस कार्य को वो कर रहे है।
यहां रहने वाले दूसरे पुजारी योगराज पाटील और संतोष पाटील ने बताया की यहां पर गुड़ी पड़वा पर आयोजित होने वाला महोत्सव जिले का सबसे बड़ा महोत्सव है।जिसमे सैकड़ो की तादात में भक्त यहां पहुचते है । यहां आये भक्त रात्रि जागरण कर भगवान विठ्ठल रूखमणी के भजन कीर्तन करते है जो पूरी रात्रि चलता है ।इस दरबार मे आने वाले सभी भक्तों की समस्या का समाधान होता है उनकी सभी मन्नते पूरी होती है। श्रद्धालु यहां मायूस होकर आता है लेकर खुश होकर वापस जाता है। यहां प्रसादी के रूप में भक्तों को इढा पान सुपारी दी जाती है