बैतूल। विगत कई दिनों से बैतूल का सीडीआर कांड पुलिस के गले की हड्डी बना हुआ है जिसमें अब एक नया मोड़ और आया है। बैतूल विधायक निलय डागा ने सीधे-सीधे प्रश्न उठाया है कि सीडीआर कांड में शिकायत के बावजूद न तो अभी तक हमारे पत्र का जवाब दिया गया है और ना ही विधानसभा में उठाए गए प्रश्न का कोई जवाब आया है, फिर किस आधार पर कुछ मीडिया संस्थानों में बैतूल पुलिस को सीडीआर कांड में क्लीन चिट मिलने की बात कही जा रही है। उपरोक्त आरोप लगाते हुए बैतूल विधायक निलय डागा ने प्रेस नोट भी जारी किया है। श्री डागा का कहना है कि यदि सीडीआर कांड में पुलिस को क्लीन चिट मिल गई है तो उन्हें भी इस तथ्य से बैतूल पुलिस लिखित रूप से अवगत कराए।
श्री डागा ने कहा है कि उपरोक्त सीडीआर कांड को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस महानिदेशक और पुलिस महानिरीक्षक तक को पत्र लिखकर इस तथ्य से अवगत कराया है कि बैतूल में निरअपराध लोगों की अनाधिकृत रूप से सीडीआर निकाले जाने की उन्हें आशंका है। शिकायत में श्री डागा ने सबूत के तौर पर स्वयं सहित कई कद्दावर लोगों के नाम आदि भी दिए थे, लेकिन उक्त शिकायत का किसी भी अधिकारी से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। जब उन्होंने इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कि तो सभी का यही कहना था कि अभी जांच चल रही है। यदि जांच चल रही है तो फिर सीडीआर कांड में बैतूल पुलिस को क्लीन चिट दिए जाने की बात सत्य कैसे हो सकती है। कहीं न कहीं इस गंभीर मामले में कुछ तो गोलमाल नजर आ रहा है।
श्री डागा ने कहा है कि विधानसभा में भी सीडीआर कांड का मामला उठाया है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि ये तो विधानसभा के विशेषाधिकार का भी सीधा-सीधा उल्लंघन है कि जिसमें प्रश्न उठाने वाले विधायक के प्रश्न का जवाब दिए बिना ही क्लीन चिट दे दी गई। आगे उन्होंने कहा कि जहां तक सबूूतों का सवाल है उनकी पत्रकारवार्ता में पहले ही सीडीआर निकालने की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की गई थी। उपरोक्त शिकायत के पूर्व भी भोपाल में एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में बैतूल सीडीआर कांड की खबर भी प्रकाशित हो चुकी थी। बैतूल विधायक श्री डागा ने इस बात पर भी आश्चर्य व्यक्त किया है कि बैतूल एसपी को महानिरीक्षक द्वारा गोपनीय पत्र के माध्यम से स्पष्टीकरण मांगा गया तो स्पष्टीकरण वाले पत्र की जानकारी कुछ समाचार पत्रों के संवाददाताओंं को कैसे लगी। प्रश्न यह भी उठता है कि आखिर आईजी के गोपनीय पत्र की गोपनीयता कौन भंग कर रहा है और वह कौन है जो अपने पक्ष में क्लीन चिट मिलने की अपुष्ट खबर अपने पक्ष में प्रकाशित करवा रहा है। उपरोक्त प्रकाशित समाचार में किसी भी जिम्मेदार अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति का कोई कथन नहीं है। श्री डागा ने इस कार्य प्रणाली पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उनकी फोटो और नाम के साथ छापी गई खबर में यदि सत्यता नहीं पाई गई तो वह संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही किए जाने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी उपरोक्त छापे गए समाचार पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।